चंडीगढ़, 30 अक्टूबर। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने देश के प्रथम गृह मंत्री और लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य पर सरदार पटेल को याद करते हुए उन्हें शत्-शत् नमन किया और उनके चरणों में पुष्पांजलि अर्पित की।
उन्होंने सिविल सेवकों का आह्वान किया कि वे राष्ट्रीय एकता दिवस पर यह संकल्प लें कि हरियाणा के लोगों की जो भी अपेक्षाएं हैं, उन पर हम खरा उतरेंगे व उनकी आवश्यकताओं को पूरा करते हुए हरियाणा को मजबूती से आगे बढ़ाने का काम करेंगे।
मुख्यमंत्री आज हरियाणा सिविल सचिवालय, चंडीगढ़ में राष्ट्रीय एकता दिवस पर आयोजित शपथ समारोह में बोल रहे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया।
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल उच्च कोटि के राजनेता और प्रशासनिक व्यक्ति थे। उनके जीवन से हमें जानने को मिलता है कि उनका जीवन सदैव देश के हित और देश के लोगों समस्याओं के समाधान करने के लिए समर्पित रहा, ताकि आने वाली पीढ़ियां खुली हवा में साँस ले सकें। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई, वहीं आजादी के बाद देश को एक सूत्र में पिरोने का अतुलनीय कार्य भी किया।
सैनी ने कहा कि जब देश आजाद हुआ, तो उस समय देश कई छोटी-बड़ी रियासतों में बंटा था। उस समय सरदार पटेल ने अपनी सूझबूझ से 562 रियासतों का एकीकरण कर एकता के सूत्र में पिरोकर अखंड भारत का निर्माण किया।
उन्होंने कहा कि जब देश आजाद हुआ तो एक ओर आजादी का जश्न मनाया जा रहा था तो दूसरी ओर लाखों लोगों का बलिदान हो रहा था। कई क्रांतिवीरों में इस देश की आजादी के लिए स्वयं को कुर्बान किया। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने यहां बहुत अत्याचार किया और लोगों का शोषण करने का काम किया। उन्होंने कानून भी अपनी सुविधा अनुसार बनाये। यदि कोई अंग्रेजों के विरुद्ध आवाज उठाता था, तो उसे यातनाएं दी जाती थी। परंतु आज प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री श्री अमित शाह द्वारा अंग्रेजों के बनाए हुए कानून को खत्म करके भारत संहिता अनुसार कानून बनाने का काम किया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में धारा 370 और 35- ए के कारण वहां के लोग पीड़ित थे, क्योंकि वहां विकास नहीं हो पा रहा था। इतना ही नहीं, देश भी ये दंश झेल रहा था। लंबे वर्षों तक जम्मू एवं कश्मीर देश का अंग नहीं बन पाया। यह बड़ी विडंबना थी कि भारत में 2 संविधान, 2 निशान और 2 प्रधान थे। ये कैसी स्वतंत्रता थी। लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के रूप में भारत को ऐसा प्रधानमंत्री मिला, जिन्होंने धारा – 370 और 35-ए को समाप्त कर जम्मू एवं कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाकर पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोया। ये प्रधानमंत्री की सरदार वल्लभभाई पटेल को सच्ची श्रद्धांजलि थी।
उन्होंने कहा कि सरदार पटेल द्वारा देश की एकता व अखंडता के लिए दिए गए अतुलनीय योगदान को यदि किसी ने याद किया है तो वे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी हैं। उन्होंने गुजरात में सरदार पटेल की विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति स्टैच्यू ऑफ यूनिटी स्थापित करने का काम किया, जो भावी पीढ़ियों के लिए एकता का प्रतीक है। प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत की है। साथ ही, हर वर्ष सरदार पटेल की जयंती पर रन फॉर यूनिटी का आयोजन करके उन्हें याद करने का काम किया है। इसका उद्देश्य है कि सभी नागरिक एक साथ आगे बढ़ें।
उन्होंने कहा कि इस बार सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर उनका जयंती वर्ष देशभर में मनाया जाएगा। अगले पूरे एक साल उनकी याद में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों का मुख्य उद्देश्य लोगों में राष्ट्रीय एकता के प्रति चेतना पैदा करना और युवा पीढ़ी को सरदार वल्लभभाई पटेल की विचारधारा से जोड़ना है।
सैनी ने कहा कि आज इस अवसर पर सिविल सेवकों के रूप में हम सभी को यह संकल्प लेना चाहिए कि हम सभी हरियाणा वासियों की हर अपेक्षा और आकांक्षाओं को पूरा करने का काम करेंगे और मजबूती से हरियाणा को आगे बढ़ाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने संकल्प लिया है कि वर्ष 2047 तक भारत देश विकसित राष्ट्र बने। इस संकल्प में हरियाणा की 2.80 करोड़ जनता सामूहिक रूप से अपना योगदान अदा करेगा और विकसित भारत बनाने में हरियाणा का महान योगदान होगा।
समारोह में मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में मौजूद अधिकारियों एवं कर्मचारियों को राष्ट्र की एकता एवं अखंडता की शपथ दिलाई।