हिमाचल प्रदेश

सेब कार्टन बॉक्स पर जीएसटी 12 फीसदी करने की सिफारिश
सेब कार्टन बॉक्स पर जीएसटी 12 फीसदी करने की सिफारिश

शिमला, 22 जून। वस्तु एवं सेवा कर परिषद की 53वीं बैठक आज नई दिल्ली में संपन्न हुई।

उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया। परिषद द्वारा बैठक में कार्टन बॉक्स पर जीएसटी 18 से 12 प्रतिशत करने की सिफारिश का निर्णय लिया गया।

उद्योग मंत्री ने कहा कि सभी प्रकार के कार्टन बॉक्स पर जीएसटी की दरें कम करने से प्रदेश के बागवानों को लाभ होगा और कार्टन उद्योग को भी राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार निरंतर सेब के कार्टन बॉक्स पर जीएसटी कम करने की मांग उठाती रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों के हितों की पैरवी के लिए प्रतिबद्ध है।

हर्षवर्धन चौहान ने जीएसटी परिषद का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस निर्णय से उद्योगों की कार्यशील पूंजी लागत भी कम होगी। जीएसटी परिषद ने लघु और मध्यम करदाताओं की शिकायतों व अनुपालन प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए भी महत्वपूर्ण निर्णय लिये। बैठक में कई अन्य अहम निर्णय भी लिए गए।

प्रदेश के प्रतिनिधिमंडल में राज्य कर एवं आबकारी आयुक्त डॉ. यूनुस व अतिरिक्त आयुक्त (जीएसटी) राकेश शर्मा भी मौजूद रहे।

शारीरिक कसरत से कहीं ज्यादा एक गहन दर्शन है योग – शुक्ल
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बिजली उत्पादन करने वाला जिला बना ऊना – मुख्यमंत्री
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सरकार के संरक्षण में हिमाचल में मित्रों का चल रहा गुंडाराज – बिंदल
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उत्तराखंड

कांवड़ यात्रा को लेकर एसओपी भेजें जिले – स्वरूप
कांवड़ यात्रा को लेकर एसओपी भेजें जिले – स्वरूप

देहरादून, 22 जून। आगामी मानसून सीजन तथा कांवड़ यात्रा के दौरान संभावित आपदाओं के दृष्टिगत उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) श्री आनंद स्वरूप की अध्यक्षता में विभिन्न जनपदों के साथ बैठक का आयोजन किया गया।

शनिवार को वर्चुअल बैठक में आनंद स्वरूप ने मानसून सीजन और कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह की आपदा से निपटने के लिए सभी जनपदों से उनके स्तर पर की जा रही तैयारियों के संबंध में जानकारी ली। कांवड़ यात्रा को लेकर उन्होंने हरिद्वार जिले से जल्द कार्ययोजना तथा एसओपी यूएसडीएमए तथा राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के साथ साझा करने को कहा। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान सबसे बड़ी चुनौती भीड़ प्रबंधन की रहती है, इसलिए जरूरी है कि कांवड़ यात्रा मार्ग वाले सभी जिले अपनी पुख्ता तैयारी अभी से कर लें।

बैठक में अपर अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (क्रियान्वयन) श्री राजकुमार नेगी ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान घाटों पर कांवड़ियों तथा आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि इसमें आपदा मित्रों को भी सुरक्षा व्यवस्था हेतु घाटों में तैनात किया जा सकता है। उन्होंने आगामी मानसून सीजन को देखते हुए नदी किनारे कैंपिंग साइटों की भी सुरक्षा व्यवस्था का ऑडिट करने के निर्देश संबंधित जनपदों के अधिकारियों को दिए।

संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी ने कहा कि जल्द ही सभी जिलों को मानसून की तैयारियों को जांचने और परखने के लिए एक चेक लिस्ट भेजी जाएगी। इस प्रारूप तैयार हो गया है। इससे यह पता लगाने में आसानी होगी कि कौन-कौन से कार्य पूर्ण हो गए हैं और कौन से शेष हैं। बैठक में अधिशासी निदेशक डॉ. पीयूष रौतेला, एसईओसी के प्रभारी राहुल जुगरान, यूएसडीएमए के विशेषज्ञ मनीष भगत, डॉ. वेदिका पंत, रोहित कुमार, डॉ. पूजा राणा, जेसिका टेरोन, तंद्रीला सरकार, हेमंत बिष्ट तथा एसईओसी में तैनात विभिन्न विभागों के नोडल अधिकारी मौजूद थे।

जेसीबी में लगाएं जीपीएस – स्वरूप

जनपदों से जुड़े अधिकारियों ने मानसून को देखते हुए एनडीआरएफ, एसडीआरएफ तथा जेसीबी की तैनाती के संबंध में जानकारी दी। इस दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (प्रशासन) श्री आनंद स्वरूप ने निर्देश दिए कि सभी जनपदों में मौजूद जेसीबी में जीपीएस लगाया जाए, जिससे यह पता लगाने में आसानी हो कि जेसीबी की मौजूदा लोकेशन कहां पर है और बरसात के दौरान भूस्खलन होने पर नजदीकी स्थल से उसे तुरंत मौके पर भेजा जा सके। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने हाल ही में आपदा के दौरान किसकी क्या भूमिका है, इसे लेकर एसओपी जारी की है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों के साथ इन्हें साझा किया जा रहा है।
गर्भवती महिलाओं का डाटाबेस बनेगा
आनंद स्वरूप ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में सभी जनपद पंचायत, ब्लॉक, तहसील स्तर पर गर्भवती महिलाओं का डाटाबेस तैयार कर लें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने विगत दिनों सचिवालय में मानसून को लेकर आयोजित बैठक में निर्देश दिए थे कि सभी जनपद मानसून के दृष्टिगत एक डेटाबेस बनाएं ताकि आपदा के समय संपर्क कट जाने पर उन्हें अस्पतालों तक सुरक्षित पहुंचाया जा सके।

जनपदों को बताएंगे, कैसे लेते हैं मदद
आपदा के समय सैन्य बलों की सहायता कैसे ली जाती है तथा कैसे वायुसेना से हवाई निकासी हेतु मदद के लिए अनुरोध किया जाता है, इसे लेकर जल्द जनपदों के साथ प्रशिक्षण बैठक आयोजित की जाएगी। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (क्रियान्वयन) राजकुमार नेगी इस संबंध में जनपद स्तरीय अधिकारियों को जानकारी देंगे।

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