चंडीगढ़, 9 अप्रैल। पंजाब वासियों के लिए एक और बड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज लिंक सड़कों की मरम्मत के लिए विशेष अभियान की शुरुआत को हरी झंडी दी है, जिसके तहत 4000 करोड़ रुपए की लागत से 20,000 किलोमीटर लिंक सड़कों को अपग्रेड किया जाएगा।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस अभियान का मुख्य मकसद आम लोगों, खासकर ग्रामीण आबादी को सुविधा प्रदान करना है, क्योंकि शहर आने-जाने और सामानों की ढुलाई के लिए लिंक सड़कें बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा कि ये लिंक सड़कें राज्य की अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा हैं। भगवंत सिंह मान ने इन लिंक सड़कों के निर्माण की जरूरत पर जोर देते हुए कहा कि इनमें से कई सड़कों की पिछले छह साल से अधिक समय से मरम्मत नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सड़कों की मरम्मत के दौरान सबसे अधिक प्राथमिकता वाली सड़कों, प्राथमिकता के आधार पर और जरूरत आधारित सड़कों का क्रम बनाया जाए ताकि लोग इसका लाभ उठा सकें। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इन सड़कों का निर्माण जरूरत और प्राथमिकता के आधार पर करने के लिए जमीनी सर्वेक्षण को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
उन्होंने लोक निर्माण विभाग और मंडी बोर्ड के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि इन सड़कों के निर्माण के लिए एक-एक पैसे का तर्कसंगत ढंग से उपयोग हो। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इन सड़कों की मरम्मत करने वाले ठेकेदार अगले पांच साल तक इनका रखरखाव भी करेंगे।
उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार ने पूरे राज्य में सड़कों को चौड़ा करने, मजबूत करने और अपग्रेड करके लिंक सड़कों के बुनियादी ढांचे का कायाकल्प करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि इस सड़क नेटवर्क के महत्व को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। भगवंत सिंह मान ने मंडी बोर्ड और लोक निर्माण विभाग को पूरे कार्य के मानक को बनाए रखने के साथ-साथ इस परियोजना के एक-एक पैसे का सुचारु ढंग से उपयोग करने को सुनिश्चित करने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में ग्रामीण सड़कों के जरूरत आधारित निर्माण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कदम से राज्य के संसाधनों का उचित उपयोग होगा और ग्रामीण सड़कों पर गुणवत्तापूर्ण कार्य को सुनिश्चित किया जा सकेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस तकनीक से निर्माण कार्य में बड़ा बदलाव आएगा, जिससे लोगों के पैसे की बचत होगी। उन्होंने कहा कि इस कार्य के लिए तीसरे पक्ष की जांच की संभावना तलाशी जानी चाहिए।
इस अवसर पर कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां, मुख्य सचिव के.ए.पी. सिन्हा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव डॉ. रवि भगत और अन्य हस्तियां मौजूद थी।