फल एवं सब्जी पर एचआरडीएफ होगा खत्म - सीएमफल एवं सब्जी पर एचआरडीएफ होगा खत्म - सीएम

चंडीगढ़, 17 जुलाई। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज जिला पंचकूला के पिंजौर में एशिया की सबसे बड़ी आधुनिक सेब, फल एवं सब्जी मंडी पिंजौर के प्रथम चरण का उद्घाटन किया और किसानों व व्यापारियों के कल्याण के लिए अनेक सौगात दी।

मुख्यमंत्री ने आधुनिक सेब, फल एवं सब्जी मंडी, पिंजौर में व्यापार को बढ़ाने के लिए इस मंडी में मार्केट फीस 1 प्रतिशत से घटाकर 0.5 प्रतिशत करने की घोषणा की।

इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री किसान एवं खेतीहर मजदूर जीवन सुरक्षा योजना, 2013 के तहत प्रार्थी की आयु को वर्तमान 10 से 65 वर्ष से बढ़ाकर अब 10 से 75 वर्ष तक करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इस योजना में किसान एवं खेतीहर मजदूर पर आसमानी बिजली गिरने से हुई दुर्घटना पर कोई राशि नहीं दी जाती थी। अब सरकार द्वारा आसमानी बिजली गिरने से होने वाली दुर्घटना को भी इस योजना में शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल किसान मजदूर कैंटीन योजना के अंतर्गत प्रदेश के किसानों व मजदूरों को 10 रुपये प्रति थाली की रियायती दर से वर्षभर भोजन उपलब्ध करवाने के लिए 100 मण्डियों में कैंटीन खोलने का निर्णय लिया गया है। अब तक 48 मण्डियों में  कैंटीन  शुरू की जा चुकी है। उन्होंने घोषणा की कि अन्य मंडियों में भी अटल किसान मजदूर कैंटीन जल्द खोली जाएगी।

उन्होंने विवादों के समाधान नीति के संबंध में घोषणा करते हुए कहा कि मंडी प्रांगण में सभी प्लॉट धारकों से चक्रवृद्धि ब्याज की वसूली नहीं की जायेगी और सभी बकाया राशि की गणना केवल साधारण ब्याज से ही की जायेगी। इसके अतिरिक्त यह भी घोषणा की कि यदि किस्त का भुगतान देय तिथि के बाद 20 दिनों के अन्दर किया जाता है तो कोई दंडात्मक ब्याज नहीं लिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने सभी फल एवं सब्जी पर एचआरडीएफ समाप्त करने और विवादों का समाधान योजना को 30 सितम्बर 2024 तक बढ़ाने की घोषणा भी की।


सीएम ने किया मंडियों के रखरखाव कार्यों का शिलान्यास


इससे पूर्व उन्होंने हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड पंचकूला द्वारा जिला करनाल के गांव सग्गा में 8.99 करोड़ की लागत से बनने वाली नई अनाज मंडी के निर्माण कार्य व जिला कुरूक्षेत्र की बाबैन अनाज मंडी की विभिन्न मूलभूत सुविधाओं को सुचारू बनाए रखने के लिए 6.69 करोड़ रूपये से विशेष मरम्मत के कार्य का शिलान्यास किया। साथ ही कालका विधानसभा क्षेत्र में विभिन्न विकास कार्यों के लिए पांच करोड़ रूपये की राशि देने की घोषणा भी की।

मंडी के दूसरे फेज का कार्य 31 दिसंबर तक हो जाएगा पूरा


मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि आधुनिक सेब, फल व सब्जी मंडी पिंजौर एशिया की सबसे बड़ी आधुनिक मंडी होगी। 78 एकड़ क्षेत्र में फैली इस मंडी के निर्माण पर 220 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इसके प्रथम चरण का निर्माण 14 करोड़ 66 लाख रुपये की लागत से 10 एकड़ क्षेत्र में किया गया है। इसके दूसरे चरण का कार्य प्रगति पर है, जो 31 दिसम्बर, 2024 तक पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यहां पर मण्डी बनने से हरियाणा के फल व सब्जी उत्पादक किसानों व कारोबारियों को लाभ होगा। इसके साथ ही हिमाचल व जम्मू-कश्मी र के सेब उत्पादकों व सेब से जुड़े कारोबारियों को भी लाभ होगा।



मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा की विभिन्न मंडियों में सालभर में औसतन 210 लाख क्विंटल फल व सब्जियों की आवक होती है। इस समय पंचकूला के सेक्टर-20 में सबसे बड़ी सेब मण्डी है। वर्ष 2016 में इस मण्डी में सेब का व्यापार शुरू हुआ था। इसमें हर वर्ष लगभग 35 लाख सेब के डिब्बों का व्यापार होता है। यहां पर वर्ष में चार महीने अगस्त से नवम्बर के दौरान सेब की आवक होती है। उन्होंने कहा कि सेब की आवक के दृष्टिगत पंचकूला मण्डी में पर्याप्त स्थल नहीं होने के कारण पिंजौर में यह विशाल मंडी स्थापित की जा रही है। हरियाणा के फल कारोबारी हिमाचल व जम्मू-कश्मीर से फल खरीदकर सीधे दिल्ली ले जाकर बेचते थे। अब इस मण्डी के बनने से कारोबारी फल व सब्जियों की खरीद व बिक्री इस मंडी में कर सकेंगे। इस क्षेत्र के किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। यह मण्डी चंडीगढ़, पंचकूला और मोहाली तथा उत्तरी क्षेत्र की आवश्यसकताओं को पूरा करेगी। उन्होंने कहा कि पिंजौर की इस सेब मण्डी में 77 दुकानों व प्लाटों को ई-नीलामी के जरिए बेचा जा चुका है। यहां पर सेब मंडी की स्थापना से व्यापारियों व उत्पादों को फलों एवं सब्जियों के रखरखाव व क्रय-विक्रय के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी।

सैनी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश की सीमा से जुड़ा पिंजौर हरियाणा का प्रवेश द्वार है। हिमाचल के साथ-साथ जम्मू और कश्मीौर के भी सेब व्यापारी हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के साथ सेब व्यापार के लिए सम्पर्क में हैं, इसलिए पिंजौर सेब के कारोबार के लिए एक मुख्य केन्द्र के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि पिंजौर में इस सेब, फल और सब्जी मण्डी की स्थापना से इस क्षेत्र में कारोबार बढ़ेगा और रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।



मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने किसानों के हितों को सर्वोपरि रखा है। सरकार हर सुख-दुख में किसान के साथ खड़ी रही है। सरकार ने किसान को प्राकृतिक आपदा आने पर फसलों का मुआवजा दिया है। बीज से बाजार तक किसान को हर संभव सहायता उपलब्ध करवाई है। इसी के परिणामस्वरूप प्रदेश का खाद्यान्न उत्पादन बढ़कर वर्ष  2022-23 में 184 लाख 32 हजार मीट्रिक टन हो गया। गर्व की बात है कि हरियाणा प्रदेश का केन्द्रीय खाद्यान्न भण्डार में योगदान देने में दूसरा स्थान है।

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