चंडीगढ़, 28 फरवरी। पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने राज्य में भ्रष्टाचार के विरुद्ध शुरू की गई मुहिम के दौरान आज ई.एस.आई. डिस्पैंसरी ढंडारी कलाम, लुधियाना में तैनात क्लर्क रविन्दर सिंह को 15,000 रुपए की रिश्वत मांगने और लेने के दोष अधीन गिरफ़्तार किया है।
ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि उक्त आरोपी को राजवंत सिंह निवासी गांव चनकोईयां (लुधियाना), जो कि गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूल, दोराहा में चपड़ासी के तौर पर नौकरी करता है, द्वारा दर्ज करवाई शिकायत के आधार पर काबू किया गया है। शिकायतकर्ता ने बयान दर्ज करवाया है कि उसने डी.एम.सी. अस्पताल लुधियाना में अपना इलाज करवाया था और ई.एस.आई. स्कीम के अधीन मुफ़्त इलाज का लाभार्थी होने के कारण उसके 4,78,136 रुपए के बिल ई.एस.आई. डिस्पेंसरी में भुगतान के लिए बकाया पड़े हैं। शिकायतकर्ता ने आगे दोष लगाया कि सम्बन्धित डीलिंग क्लर्क रविन्दर सिंह ने उसके बिल का भुगतान करने के बदले रिश्वत के तौर पर 30,000 रुपए की मांग की है और कहा है कि रिश्वत न देने की सूरत में कुल रकम में से केवल 1,25,000 रुपए के बिल ही के पास किए जाएंगे। मुलजिम क्लर्क ने शिकायतकर्ता को रिश्वत दो किस्तों में देने के लिए कहा, जिसमें 20,000 रुपए पेशगी और बाकी 10,000 रुपए बाद में देने के लिए कहा गया। उन्होंने आगे बताया कि रविंदर सिंह क्लर्क ने शिकायतकर्ता को यह भी कहा कि उसने रिश्वत की रकम चंडीगढ़ में तैनात सम्बन्धित अधिकारी के साथ भी साझी करनी है। शिकायतकर्ता ने आरोपी के साथ हुई बातचीत की रिकॉर्डिंग अपने फोन में कर ली और विजिलेंस ब्यूरो को सबूत के तौर पर सौंप दी। प्रवक्ता ने बताया कि इस शिकायत की प्राथमिक पड़ताल के उपरांत विजिलेंस ब्यूरो रेंज लुधियाना ने जाल बिछाकर उक्त मुलजिम को दो सरकारी गवाहों की हाजिरी में शिकायतकर्ता से रिश्वत की पहली किश्त के तौर पर 15,000 रुपए लेते हुए रंगे हाथों काबू कर लिया। इस सम्बन्धी थाना विजिलेंस ब्यूरो रेंज लुधियाना में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम कानून के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि आरोपियों को कल अदालत में पेश किया जाएगा और जांच के दौरान अन्य कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जायेगी।